
भूटान में धोती- कुर्ता पहनने वाले हिन्दी भाषी भारतीय साधुवो पर रुकावट्
राजेश शर्मा, कालिमन्युज, जयगांव 19 सितंवर 2013 । आज भारत भूटान सिमा को 69।4 पिलर कि भूटान जानेवाले भूटान गेट से एक भारतीय नागरीक को रोयल भूटान पुलिस एंव भूटान इमिग्रेसन बिभाग ने गेट मे से हि वापस भारत लौटा दिया गया है । उस भारतीय नागरीक ने वापस आने के बाद भारतीय पत्रकारो से बताया कि वह भारत के बिहार राज्य के मोतिहारी जिल्ला गांव तेलहारा का रहने वाला है ।
71 वर्षिय दिनेश्वर झा भूटान स्थित शिव मन्दीर के दर्शन कर ने के लिए आया था परन्तू भूटान के इमिग्रेसन एंव पुलिस ने प्रवेश गेट से भुटान प्रवेश करने का अनुमति नहि दिया ।उन्हे क्यो लौट्ना पडा यह पुछे जाने पर उन्हो ने कहा की "भुटान पुलिस ने मुझे धोती और कुर्ता पहन कर भितर प्रवेश निषेध होने का कारण बताते हुए दोनो कपडे उतार के आने को कहां तब हि मुझे भूटान मे प्रवेश अनुमति मिलेगा एसा कहा गया" ।
झा ने कहा "हम भारतीय नागरीक है हम अपना राष्ट्रीय पोषाक कैसे उतारेगे भले हमे भूटान जाना हि नपडे इससे तो मै इधर हि रहना पसन्द करुंगा"। भारतीय नागरीक को भूटान में जाने से धोती कुर्ता उतार के जाना पडेगा मगर भूटानी नागरीक को उन के राष्ट्रीय पोषाक उतार ना नहि पडेगा यह हमारे लिए नाइन्साफी है। भारत एंव भूटान कि आपसी दोस्ती बिगत सन् 1959 मे भारत कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के समय काल में आरम्भ हुइ थी, जिस के तहत भारतीय नागरीक कों भूटान सरकार ने व्यापार करने और वाणिज्य मे बिकास हेतु आवागमन अनुमति दिया गया था। भूटान में उस समय में बिकास कि कोइ अच्छा साधन नही था परन्तु भारतीय हिन्दी भाषी नागरीकों ने अपना जि जान लगाकर भूटान में उन्नति का मार्ग कि सूरुवात किया था ।
उस समय भूटान के तिसरे महाराजा जिगंमें र्दोजी वांग्चुक ने भारतीय नागरीकों को भूटान में आमंत्रित किये जाने की तहत भूटान में व्यापार व अन्य क्षेत्र में पर्याप्त बिकास किया था जिसकी पुष्टी भूटानी अखबारो ने भि किया है। भारत सरकार भूटान को सन् 1959 से बिभिन्न क्षेत्रो मे मदद पहुचाते आ रहे है । भारत के हि मदत से भूटान मे कइ बिजली उत्पादन केन्द्र खोली गयी है । फिर भी भूटान सरकार द्वारा भारतीय नागरीकों को पसन्द करने के बदले अपनी नाराजगी ही प्रकट किया जा रहा है।
घटना के सम्वंन्ध मे जलपाईगुड़ी जिल्ला शासक सह्कारी महापात्रो ने से इस तरह की घटना के बिषय मे पुछे जाने पर कहा कि स्थानीय अधिकारी से पुछताछ् करना पडेगा और आगे बताने से उन्होने इन्कार कर दिया । इस सम्बन्ध मे भुटान के नयें बिदेश मंत्री लेन्पो रिनजींग दोर्जी से पुछे जाने पे उन्होने कहा कि इस विषय मे उन्हे कोइ जानकारी नही है। उन्होने और कहा कि भारत भूटान की आपसी सम्बन्ध अच्छा है,अगर उस तरह के घटना हुइ है तो मै गृह मंत्री से जानकारी लेकर जाच करवाउंगा लेकिन अगर ऐसा घटना सचमुच मे घटा है तो वह गलत है।
भूटान की गृह मंत्री लेन्पो दामछो दोर्जी को दुरभाष माध्यम से उक्त घटना के संम्वन्ध में पुछे जाने पर उन्होने साफ साफ बतायाँ कि भारत भूटान की आपसी सम्वन्ध मे कोइ गड्बड नही है अगर भूटान गेट की जाँच अधिकारी ने इस तरह के कार्य किया है तो वह गलत है । मगर भूटान में भारतीय साधुओ को भूटान में प्रवेश हेतु साधु की भड्किले कपडे में रोक अवश्य है तथा इस वजह से ऐसा हुवा होगा, उन्होने कहा ।
इधर भारतीय जनता सवाल उठा रहे है कि भूटान की साधु लामा जैसै है और उन्हे भारत प्रवेश मे कोही रुकावट नही है बल्कि भारतीय साधुओ को भूटान में प्रवेश मे रोक लगाया जाना यह अन्याय है।
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