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आविप नेता बोले जल्द ही शिक्षा मंत्री से करेंगे बातचीत  उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए हिन्दीभाषी छात्रों को अंग्रेजी या नेपाली माध्यम से पढ़ाई करने की विवशता : राजेश लाकड़ा

आविप नेता बोले जल्द ही शिक्षा मंत्री से करेंगे बातचीत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए हिन्दीभाषी छात्रों को अंग्रेजी या नेपाली माध्यम से पढ़ाई करने की विवशता : राजेश लाकड़ा

राजेश शर्मा, कालिमन्युज, जयगांव : आगामी शिक्षा वर्ष से तराई-डुवार्स के 18 कॉलेजों में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई चालू करने की मांग पर आदिवासी विकास परिषद ने आंदोलन शुरू किया। शुक्रवार को संगठन के तराई-डुवार्स आंचलिक कमेटी के प्रतिनिधियों ने उत्तर बंग विश्व विद्यालय के उपकुलपति समीर कुमार दास से भेंटकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। 
आविप नेताओं ने बताया कि कॉलेजों में जल्द से जल्द हिन्दी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इसी महीने में ही कॉलेज सर्विस कमीशन व राज्य के शिक्षा मंत्री के दरवाजे पर पहुंचेंगे। साथ ही डुवार्स-तराई से हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने के बाद उच्च माध्यमिक उत्तीर्ण करने के बाद किसी हिन्दी कॉलेज की व्यवस्था नहीं होने से प्रति वर्ष साढ़े तीन से चार हजार छात्र-छात्राओं को लंबे समय से उच्च शिक्षा के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 
आविप के मुताबिक जलपाईगुड़ी जिले के माल परिमल मित्र स्मृति महाविद्यालय, वीरपाड़ा कॉलेज, जयगांव ननी भट्टाचार्य कॉलेज, शामूकतला के सिधू-कान्हू कॉलेज, फालकाटा कॉलेज, अलीपुरद्वार कॉलेज, अलीपुरद्वार के विवेकानंद कॉलेज, कामाख्यागुड़ी का शहीद खुदिराम कॉलेज, जिला सदर का आनंद चंद्र कॉलेज, आनंद चंद्र कॉलेज आफ कामर्स एवं प्रसन्न देव बालिका महाविद्यालय व मयनागुड़ी कॉलेज में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई चालू करने सहित तराई इलाके के बागडोगरा कालीपद घोष कॉलेज, नक्शलबाड़ी कॉलेज, सिलीगुड़ी महिला कॉलेज, सूर्यसेन कॉलेज, सिलीगुड़ी कॉलेज व मुंशी प्रेमचंद कॉलेज में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई का अलग विभाग चालू करने की मांग से उत्तर बंग विश्व विद्यालय को अवगत कराया गया है। आविप का कहना है कि डुवार्स-तराई के प्रत्येक प्रखंड ही आदिवासी बहुल है। 
आदिवासी परिवार का अधिकतर भाग छात्र-छात्राएं हिन्दी माध्यम से पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई करते हैं। प्रत्येक प्रखंड में औसत पांच-पांच हिन्दी माध्यम के उच्च माध्यमिक स्कूल है। डुवार्स के सात प्रखंड अनुसूचित जनजाति बहुल रूप से चिन्हित किए गए हैं। केवल डुवार्स से ही प्रतिवर्ष करीब दो हजार हिन्दी माध्यम की छात्र-छात्राएं उच्च माध्यमिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। संगठन के डुवार्स-तराई आंचलिक कमेटी के डुवार्स शाखा के सचिव राजेश लाकड़ा ने बताया कि हिन्दी माध्यम के छात्र-छात्राओं को उच्च माध्यमिक से उत्तीर्ण करने के बाद कॉलेज स्तर पर अंग्रेजी या नेपाली माध्यम से पढ़ाई करनी पड़ती है। 
बाध्य होकर विद्यार्थियों को पढ़ाई करनी पड़ती है। यह स्थिति काफी समय से चल रही है। बानारहाट में एक हिन्दी कॉलेज चालू करने की बात है हालांकि इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। इस वजह से डुवार्स-तराई के कुल 18 कॉलेजों की पहचान र उसे आगामी शिक्षा सत्र से हिन्दी माध्यम से पढ़ाई चालू करने के लिए विश्व विद्यालय प्रबंधन से मांग की गई है। जल्द हिन्दी माध्यम के शिक्षक नियुक्ति के लिए इस महीने ही राज्य के शिक्षा मंत्री व कॉलेज सर्विस कमीशन के अधिकारियों के साथ मुलाकात की जाएगी। 
उपकुलपति के साथ मुलाकात करने वाले आविप नेताओं में तेजकुमार टोप्पो, राजेश लाकड़ा, परिमल लुगुन, निकोदिन मिंज, राजेश टोप्पो व शंभू कावार जैसे शीर्ष नेता शामिल हैं।

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