Morcha at Shinde door .... तेलंगाना बना तो गोरखालैंड गठित करना होगा
VIVEK CHHETRI, TT, Darjeeling, July 23: Gorkha Janmukti Morcha leader Roshan Giri said the hill party team he led told Union home minister Sushil Kumar Shinde that the outfit would be forced to start an agitation if Gorkhaland was not created along with Telangana.
“We have clearly told the Union home minister that the Gorkha Janmukti Morcha would immediately start an agitation if Gorkhaland is not created when Telangana is formed. We have told the minister that we have no other choice left,” said Giri, who led a team of six to Delhi.
The Morcha delegation met Shinde at his office in North Block today.
“After meeting the
home minister, we also met the defence minister at his South Block
office today. We reiterated our stand to A.K. Anthony and also told him
about the contributions the Gorkhas have made in guarding the country’s
frontiers,” Giri said.
Back in
Darjeeling, observers said the pa+rty was under pressure to do something
as it would be tough to answer to the people if Telangana was allowed
statehood and Gorkhaland was not.
“The Morcha, which
is increasingly under pressure, has no other option but to leave the
GTA if Telangana is created. The Morcha is also under tremendous
pressure from the Opposition who are trying to generate public opinion
against the Morcha for being unable to achieve statehood,” an observer
said.
Recently, Morcha
rival ABGL supported the candidature of Mahendra Lama for the Darjeeling
Lok sabha seat on the ground that Lama was a pro-statehood face.
Giri today said
both the Union ministers told the delegation that the Congress would
discuss the issue of Gorkhaland. “We have been assured that our demand
will be discussed by the Congress,” said Giri.
The six-member
Morcha delegation includes three hill MLAs — Trilok Dewan, Rohit Sharma
and Harka Bahadur Chhetri — as will as Darjeeling civic chief Amar Singh
Rai and central committee member D.K. Pradhan.
The Morcha’s students’ wing, the Gorkha Janmukti Vidyarthi Morcha, today held a meeting in Darjeeling.
Deep Thapa, the
vice-president of the student’s front, said: “We have written a letter
to our leader, Bimal Gurung, to step down as the chief executive of the
GTA and start the statehood agitation.”
Thapa also said
the students’ body had resolved not to allow the party to accept any
other alternative administrative set-up similar to the GTA in the
future.
The Vidyarthi
Morcha’s decision comes days after the party’s youth front, the Gorkha
Janmukti Yuva Morcha, decided to start a Gorkhaland agitation with a
series of public meetings in the hills.
The Yuva Morcha had demanded the desolution of the GTA.
“We will not make
any announcements regarding our programmes. It will be a sudden affair.
We will refrain from undemocratic movements,” said Sandip Chhetri,
publicity secretary of the students’ union.
राजेश शर्मा, कालिमन्युज, जयगाव: अगर केंद्र सरकार तेलंगाना राज्य का गठन करती है तो गोरखाओं की सौ वर्ष से अधिक पुरानी मांग अलग गोरखालैंड राज्य का गठनकरना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ गोजमुमो मांगों के समर्थन वृहद आंदोलन करेगा।
यह बातें गोजमुमो प्रतिनिधियों ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, रक्षामंत्री एके एंथोनी व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात के दौरान कही।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री से दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लाक में भेंट कर उन्हें पार्वत्य व तराई-डुवार्स क्षेत्र में रहने वाले गोरखाओं की समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि अलग गोरखालैंड राज्य का गठन जरूरी बताया। इसी क्रम में गोजमुमो प्रतिनिधियों ने मंगलवार को ही केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंथोनी व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से भी भेंट कर उन्हें बताया कि मांग के समर्थन में सिक्किम सरकार ने 29 मार्च 2012 को विधान सभा में प्रस्ताव भी पारित कर दिया।
केंद्र सरकार से जब भी अलग राज्य की मांग की जाती तो सरकार विचार करने का आश्वासन देकर शांत हो जाती है। इसी तरह आर्मी में भर्ती के लिए गोरखा समुदाय के युवाओं को प्रमाणपत्र देना जरूरी है जिसके लिए जीटीए क्षेत्र को मान्यता प्रदान करने व देशभर के गोरखा समुदाय को अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से भेंट के दौरान उन्हें देश की सीमाओं पर देश की सुरक्षा के लिए शहीद होने वाले गोरखाओं को विदेशी कहकर अपमानित किए जाने पर रोष जाहिर किया। गोरखा समुदाय को नौकरी के लिए पहचान पत्र देने व शिक्षा क्षेत्र में छूट देने की मांग करते हुए प्रस्तावित गोरखालैंड के मानचित्र शामिल डुवार्स क्षेत्र में भी सैनिक भर्ती केन्द्र खोलने की मांग की।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से कहा कि तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष अस्थाई तौर पर जीटीए का समझौता हुआ था। मगर जब तेलंगाना राज्य के गठन के लिए केंद्र सरकार गंभीर है तो ऐसे में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को भी महत्व मिलना चाहिए ऐसा नहीं हुआ तो पुन: तराई ,डुवार्स सहित पहाड़ पर वृहद आंदोलन होगा।
केंद्रीय मंत्रियों से भेंट करने वालों में गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि ,कर्सियाग के विधायक रोहित शर्मा, दाजिलिंग के विधायक त्रिलोक देवान आदि मुख्य थे।
राजेश शर्मा, कालिमन्युज, जयगाव: अगर केंद्र सरकार तेलंगाना राज्य का गठन करती है तो गोरखाओं की सौ वर्ष से अधिक पुरानी मांग अलग गोरखालैंड राज्य का गठनकरना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ गोजमुमो मांगों के समर्थन वृहद आंदोलन करेगा।
यह बातें गोजमुमो प्रतिनिधियों ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, रक्षामंत्री एके एंथोनी व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात के दौरान कही।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री से दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लाक में भेंट कर उन्हें पार्वत्य व तराई-डुवार्स क्षेत्र में रहने वाले गोरखाओं की समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि अलग गोरखालैंड राज्य का गठन जरूरी बताया। इसी क्रम में गोजमुमो प्रतिनिधियों ने मंगलवार को ही केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंथोनी व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से भी भेंट कर उन्हें बताया कि मांग के समर्थन में सिक्किम सरकार ने 29 मार्च 2012 को विधान सभा में प्रस्ताव भी पारित कर दिया।
केंद्र सरकार से जब भी अलग राज्य की मांग की जाती तो सरकार विचार करने का आश्वासन देकर शांत हो जाती है। इसी तरह आर्मी में भर्ती के लिए गोरखा समुदाय के युवाओं को प्रमाणपत्र देना जरूरी है जिसके लिए जीटीए क्षेत्र को मान्यता प्रदान करने व देशभर के गोरखा समुदाय को अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से भेंट के दौरान उन्हें देश की सीमाओं पर देश की सुरक्षा के लिए शहीद होने वाले गोरखाओं को विदेशी कहकर अपमानित किए जाने पर रोष जाहिर किया। गोरखा समुदाय को नौकरी के लिए पहचान पत्र देने व शिक्षा क्षेत्र में छूट देने की मांग करते हुए प्रस्तावित गोरखालैंड के मानचित्र शामिल डुवार्स क्षेत्र में भी सैनिक भर्ती केन्द्र खोलने की मांग की।
गोजमुमो प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से कहा कि तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष अस्थाई तौर पर जीटीए का समझौता हुआ था। मगर जब तेलंगाना राज्य के गठन के लिए केंद्र सरकार गंभीर है तो ऐसे में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को भी महत्व मिलना चाहिए ऐसा नहीं हुआ तो पुन: तराई ,डुवार्स सहित पहाड़ पर वृहद आंदोलन होगा।
केंद्रीय मंत्रियों से भेंट करने वालों में गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि ,कर्सियाग के विधायक रोहित शर्मा, दाजिलिंग के विधायक त्रिलोक देवान आदि मुख्य थे।
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